यूक्रेनी देवी अनीता ब्लैंच खुशी की दुनिया में गहराई से डूब जाती है, काली गरजती छड़ों को तपकर खा जाती है। उसकी रसीली जुल्फें और उत्सुक जीभ उसे परमानंद के दायरे में ले जाती है, जिससे उसे आनंद की एक सिम्फनी मिलती है जो उसे तबाह कर देती है और और अधिक के लिए तड़पती है।