गोल-मटोल किशोरी सोफी एक एकल सत्र में शामिल होती है, अपनी आंतरिक देवी को प्रकट करती है, अपनी उंगलियों से खुद को आनंदित करती है और अपने अंदर के उग्र जुनून को प्रज्वलित करती है। यह कामुक लोमडी आनंद के शिखर पर पहुंचने के मिशन पर है, जिसमें कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।