एक सौतेली माँ संतुष्टि की लालसा रखती है। उसकी इच्छाएँ प्रज्वलित होती हैं जब उसके बेटे के दोस्त पूल के किनारे लाउंज करते हैं, उनकी उत्तेजना भरी इच्छाएँ प्रज्ज्वलित होती हैं। वह उत्सुकता से उनके अंतरंग मुठभेड़ का स्वाद लेती है, अपनी अतृप्त भूख को पूरा करती है। संतुष्टि घर के माध्यम से विकिरण करती है, जो उसकी अनबुझी प्यास का वसीयतनामा है।