एक बंधी हुई और बंद पड़ी युवा लड़की को उसके कब्जे में ले लिया जाता है, और वह अपने घुटनों पर मजबूर होकर, अपने शरीर को उजागर करके, अपने बंदी को मौखिक रूप से खुश करती है। फिर, उसे पीछे से ले जाया जाता है, खुली हवा में गूंजती हुई उसकी कराहें, उसकी अधीनता स्पष्ट होती है। यह एक जंजीरबंद, गगड़ी हुई लड़की की जिंदगी है।